Hindi Story – मौत का फाटक | Ankit Stories

मौत का फाटक तेज गति से चलने वाली इस दुनिया में आजकल किसके पास समय है? पैसा कमाने में लोग इतना व्यस्त हैं, कि न तो उनके पास परिवार को देने के लिए समय है, न तो खान पान के लिए, न व्ययाम के लिए और न ही घूमने फिरने के लिए। सिर्फ काम काम काम! दरसल मैं भी इसी भीड़ का हिस्सा हूं। परंतु किसी न किसी तरीके से मैं व्ययाम के लिए समय निकाल ही लेता हूं। हमारे घर से थोड़ी ही दूर पर एक मैदान था। मैं प्रतिदिन वहीं व्ययाम करता था।

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रास्ते में एक ट्रेन की पटरी पड़ती थी। मैं जब भी व्ययाम करके वापस लौटता, ट्रेन का फाटक हमेशा बंद ही रहता था। सुबह करीब 5:30 पर ट्रेन के आने का समय था। उन दिनों हमारे शहर में काफी ठंड पड़ रही थी। सुबह सुबह घोर कोहरा छा जाता था। सुबह का समय था, चारों ओर घोर कोहरा छाया हुआ था। मैं व्ययाम करके वापस आ रहा था। हमेशा कि तरह ट्रेन का फाटक लगा हुआ था। ट्रेन के आने का समय हो गया था। मैंने अपनी गाड़ी वहीं खड़ी कर ली और उसका इंतज़ार करने लगा। मेरे बगल में एक आदमी खड़ा था। उसके पास मोटर साईकिल थी।

वह भी ट्रेन के आने का इंतज़ार कर रहा था। उस दिन ट्रेन को आने में थोड़ी देर हो गई थी। काफी समय बीतने के बाद उस आदमी ने बोला, “लगता है आज ट्रेन को आने में समय लगेगा, इतने में तो मैं अपनी मोटर साईकिल ट्रेन के फाटक के नीचे से निकाल ही लूँगा और जल्दी चला जाऊँगा।” यह बोलकर वह चल पड़ा।
वह अपनी मोटर साईकिल फाटक के नीचे से निकालने लगा। वह अपनी मोटर साईकिल निकाल ही रहा था कि अचानक ही ट्रेन हौरन बजाते हुए आई और एक झटके में उन्हें अपने साथ ले गई। कोहरा इतना ज्यादा था कि उस आदमी को न तो ट्रेन दिखी और न ही ट्रेन के ड्राइवर को कोई सामने दिखा। वहां पर जितने भी लोग थे, सब हैरान रह गये। जब तक हम उस आदमी को अस्पताल ले जाते, तब तक वह अपना दम तोड़ चुका था। उसकी वहीं पर मौत हो गई थी। वह हादसा काफी संगीन था। जरा सी गलती उस आदमी को भारी पड़ गई और वह अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठा।

कृपया ट्रेन के फाटक के नीचे से कभी न निकलें, यह एक कानूनी अपराध है। जिन्दगी भगवान का दिया हुआ एक हसीन तोहफा है, इसके साथ खिलवाड़ मत कीजिये

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